Corona Virus par nibandh in hindi: कोरोना वायरस पर निबन्ध हिंदी में
Corona Virus par nibandh in hindi कोरोना वायरस पर निबन्ध हिंदी में
कोरोना वायरस पर निबन्ध Corona Virus par nibandh in hindi|| किसी महामारी का वर्णन
“बन्द करो कोरोना का रोना, बनो सात्विक कुछ न होना।
तन-मन जीवन शुद्ध रखो तो, सदा स्वस्थ कोई रोग न होना ॥”
विस्तृत रूपरेखा –
- प्रस्तावना,
- कोरोना का उद्गम,
- कोरोना विषाणु है क्या ?,
- कैसे फैलता है कोरोना ?,
- बीमारी के लक्षण,
- बचाव के उपाय,
- कोरोना वायरस का संक्रमण हो जाए तब,
- उपसंहार ।]
प्रस्तावना-
कोरोना एक विषाणु का नाम है। यह एक विषाणु जनित बीमारी है जिसके कुछ प्रकार मानवों के लिए खतरनाक हैं। यह एक ऐसी बीमारी है जो सीधे तौर पर श्वसन तन्त्र को प्रभावित करती है और पीड़ित व्यक्ति को सांस लेने में अत्यधिक कष्ट होता है। इस बीमारी की भयावहता का अनुमान इस बात से ही लगाया जा सकता है कि संसार के लगभग सारे देश इसकी चपेट में आ चुके हैं। इनमें कई महाशक्तियाँ, जैसे-अमेरिका, चीन, फ्रांस, ब्रिटेन, इटली, रूस इत्यादि भी शामिल हैं और इसके दुष्परिणामों के आगे नतमस्तक हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यू.एच.ओ.) इसे महामारी घोषित कर चुका है। संक्रमित रोग होने के कारण यह संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क में आने वाले अन्य स्वस्थ व्यक्तियों के मध्य भी तेजी से फैलता है। अन्य महामारियों की तुलना में इस महामारी ने मानव-जीवन पर अत्यधिक गहरा आघात किया है।
कोरोना का उद्गम-
कोरोना एक प्राणघातक रोग है और इससे बचाव ही इसकी एकमात्र दवा है। अब तक इसकी कोई प्रभावी दवा विकसित नहीं हो सकी है। यह रोग चीन के वुहान शहर से वर्ष 2019 के दिसम्बर माह में प्रारम्भ हुआ और देखते ही देखते पूरे विश्व में तेजी से फैल गया। विश्व के सभी महाद्वीपों में इसने करोड़ों की संख्या में लोगों को अपनी चपेट में ले लिया और लाखों की संख्या में लोग काल-कलवित हो गये। चीन से प्रारम्भ होने के कारण इसका नाम ‘चाइना वायरस’ भी पड़ा। इसे कोविड-19 के नाम से भी जाना जाता है।
कोराना विषाणु है क्या?-
कोरोना वायरस एक बहुत सूक्ष्म लेकिन प्रभावी वायरस है। कोरोना वायरस मानव के बाल की तुलना में 900 गुना छोटा है। कोरोना वायरस (कविड) का सम्बन्ध वायरस के ऐसे परिवार से है जिसके संक्रमण से जुकाम से लेकर सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्या हो सकती है। इसके संक्रमण के फलस्वरूप बुखार, जुकाम, सांस लेने में तकलीफ, नाक बहना और गले में खराश जैसी समस्याएँ उत्पन्न होती हैं। यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। साथ ही बहुत तेजी से अपने स्वरूप में परिवर्तन भी करता है । इसलिए इसे लेकर बहुत सावधानी बरती जानी चाहिए।
कैसे फैलता है कोरोना ?-
यह एक संक्रमित रोग है जो पीड़ित व्यक्ति द्वारा बोलने, खांसने एवं छींकने पर गिरने वाली बूँदों के माध्यम से दूसरे व्यक्तियों में फैलता है। इसके संक्रमण की दर अत्यधिक है।
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बीमारी के लक्षण-
कोविड-19 अथवा कोरोना वायरस से संक्रमित रोगी में पहले बुखार होता है। इसके बाद सूखी खाँसी होती है और फिर एक हफ्ते बाद सांस लेने में परेशानी होने लगती है। इन लक्षणों का हमेशा अर्थ यह नहीं है कि कोरोना वायरस का ही संक्रमण है। जुकाम और फ्लू के वायरस में भी इसी तरह के लक्षण पाए जाते हैं। कोरोना वायरस के गंभीर मामलों में निमोनिया, सांस लेने में बहुत ज्यादा परेशानी, किडनी फेल होना और यहाँ तक कि मौत भी हो सकती है। बुजुर्ग या जिन लोगों को पहले से अस्थमा, मधुमेह या हृदय संबंधी बीमारी है, उनके मामले में खतरा गंभीर हो सकता है।
बचाव के उपाय-
विश्व स्वास्थ्य संगठन एवं स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वायरस से बचाव के लिए कई दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इनके अनुसार कोरोना से बचने का सबसे अच्छा उपाय है कि सभी स्वयं की देखभाल करें। आप जितना अधिक स्वयं को सुरक्षित करेंगे उतना ही कम कोरोना होने की सम्भावना रहेगी। यह पाया गया है कि जिसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी होती है वह कोरोना को आसानी से हरा सकता है। इसलिए अपने खान-पान पर विशेष ध्यान दें। इसके अलावा भी कुछ और भी बचाव हैं जिनका पालन सबको करना चाहिए।
- हमेशा कोई बाहरी वस्तु छूने के बाद साबुन से अच्छे से हाथ अवश्य धोएँ या सेनिटाइज़र का उपयोग करें।
- साबुन से हाथों को कम से कम 30 सेकेण्ड तक अच्छे से धोएँ।
- लोगों से 5 से 6 फीट की दूरी बनाये रखें।
- सार्वजनिक स्थानों पर सदैव मास्क का प्रयोग करें।
- आवश्यक न होने पर घर से बाहर न निकलें।
- बाहर से लाये गये सामान को अच्छे से विसंक्रमित कर ले तब घर में रखें।
- संदिग्ध स्थिति में खुद को दूसरों से अलग कर लें।
- इस दौरान कहीं भी अनावश्यक यात्रा करने से बचें।
- आँख, नाक और मुँह को छूने से बचें।
- न तो किसी के घर जाएँ और न ही किसी को अपने घर बुलाएँ।
- यदि आप संक्रमित इलाके से आए हैं या किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में रहे हैं तो आपको अकेले रहने की सलाह दी जाती है। अतः घर पर ही रहें।
कोरोना वायरस का संक्रमण हो जाये तब ? –
कोरोना की पुष्टि होने पर घबराए नहीं क्योंकि इस बीमारी से होने वाली मृत्यु दर भारत में 2-3 प्रतिशत है। उचित देखभाल एवं समय पर प्राप्त चिकित्सकीय सुविधाओं से इस प्राणघातक बीमारी को मात दी जा सकती है। कोरोना वायरस से पीड़ित होने पर रोगी को तत्काल चिकित्सकों की सलाह पर कोरोना अस्पताल में भर्ती करा देना चाहिए।
यद्यपि वर्तमान में इसका कोई इलाज नहीं है लेकिन इसमें बीमारी के लक्षण कम होने वाली दवाइयाँ चिकित्सकीय परामर्श पर दी जा सकती हैं। जब तक रोगी पूर्णतः ठीक न हो जाए और उसकी कोरोना जाँच का परिणाम ‘नेगेटिव’ न आ जाए, उसे दूसरों से अलग रखना चाहिए और विशेषज्ञ चिकित्सकों की देखभाल में सुरक्षा के सभी उपाय अपनाते हुए रोगी का उपचार करना चाहिए। प्रसन्नता की बात यह है
कि दुनिया भर के वैज्ञानिकों के अथक परिश्रम के पश्चात् विकसित अब कई टीके भी बाजार में आ गए हैं। प्रत्येक व्यक्ति को ये टीके अवश्य लगवाने चाहिए। इससे बीमारी के विकराल रूप धारण करने की संभावना घट जाती है।
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उपसंहार–
कोरोना से पूरे विश्व में करोड़ों लोग प्रभावित हो चुके हैं और लाखों जानें जा चुकी हैं। इस महामारी ने पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था को तहस-नहस कर दिया है। लोगों से उनके परिजन छिन गये। बड़ी संख्या में लोग बेरोजगार हो चुके हैं। पूरे विश्व में इस विनाशकारी महामारी ने भारी तबाही मचा रखी है। पूरे विश्व की सरकारें इससे अपनी जनता को बचाने में प्रयत्नशील हैं। ऐसे में हमें सतर्क रहते हुए स्वयं एवं अपने परिवार को इस बीमारी से बचाए रखना चाहिए और अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाना चाहिए। साथ ही, टीके भी लगवाने चाहिए। सतर्क रहकर और इससे बचाव के उपाय अपनाकर हम इस बीमारी को संसार से सदा के लिए समाप्त करने की लड़ाई में अपना अमूल्य योगदान दे सकते हैं ||