Class 10thClass 11thClass 12thClass 8thClass 9th

Dahej Pratha Hindi Nibandh || दहेज प्रथा पर निबंध

3/5 - (1 vote)

Dahej Pratha Hindi Nibandh || दहेज प्रथा पर निबंध

“अबला जीवन हाय तुम्हारी यही कहानी ।

आँचल में है दूध और आँखों में पानी ।”

प्रस्तावना (Preface)

Dahej Pratha Hindi Nibandh प्रस्तावना समाज के अन्तर्गत समस्याओं का विकराल जाल फैला हुआ है। ये तुच्छ तथा साधारण समस्याएँ कभी-कभी जी का जंजाल बन जाती हैं। लाड़-प्यार तथा स्नेह से पालित-पोषित शिशु कभी-कभी बड़ा होकर जिस प्रकार माता-पिता के लिए बोझ बन जाता है तद्नुसार ये समस्याएँ भी असाध्य रोग का रूप धारण कर लेती हैं तथा समाज के रूप को विकृत तथा घिनौना बना देती हैं।

उन समस्याओं में से एक विकराल समस्या है दहेज प्रथा जो समाज की जड़ों को ही खोखला किए दे रही है। इससे व्यक्तप्रगति पर विराम-सा लग रहा है। अनुराग एवं वात्सल्य का प्रतीक दहेज युग परिवर्तन के साथ खुद भी परिवर्तित होकर विकराल रूप में उपस्थित हैका आशय एवं स्वरूप-साधारण रूप में दहेज वह सम्पत्ति है जिसे पिता अपनी बेटी के पाणिग्रहण संस्कार के समय अपनी पुत्री को इच्छानुकूल प्रदान करता है। पुराने समय से ही दहेज प्रथा का प्रचलन चला आ रहा है। इसके अन्तर्गत विवाह के समय कन्या पक्ष द्वारा वर पक्ष को आभूषण, वस्त्र एवं रुपये सहर्ष दान रूप में प्रदत्त किए जाते थे परन्तु समय के साथ-साथ यह परम्परा एवं प्रवृत्ति अपरिहार्य तथा आवश्यक बन गई।

यह भी पढ़े..  MP Board 10th English Trimasik Paper 2023 24: pdf

Dahej Pratha Hindi Nibandh || दहेज प्रथा पर निबंध dahej pratha par nibandh,dahej pratha par nibandh hindi mein,dahej pratha par nibandh in hindi,dahej pratha,dahej pratha per nibandh,dahej prtha pr nibandh,dahej pratha nibandh,dahej par nibandh,dahej pratha essay in hindi,dahej pratha nibandh in hindi,dahej pratha par nibandh bataye,dahej pratha ka nibandh,nibandh dahej,dahej nibandh,dahej pratha par nibandh hindi,dahej pratha par hindi nibandh,dahej pratha pr nhibandh,essay oदहेज प्रथा पर निबंध,दहेज प्रथा पर निबंध हिन्दी में,दहेज प्रथा : एक अभिशाप पर निबंध हिन्दी में,दहेज प्रथा पर निबंध हिंदी में,दहेज प्रथा,दहेज : एक सामाजिक बुराई पर निबंध हिन्दी में,निबंध दहेज प्रथा पर,दहेज प्रथा पर निबंध लेखन,दहेज प्रथा पर निबंध 200 शब्दों में,दहेज प्रथा पर निबन्ध,दहेज प्रथा पर निबंध 300 शब्द in hindi,हिंदी निबंध दहेज प्रथा,दहेज़ प्रथा पर संक्षिप्त निबंध,दहेज प्रथा पर निबंध 2023,दहेज प्रथा पर एक निबंध,दहेज प्रथा पर निबंध निबंध dowry system in hindi

आज वर पक्ष दहेज के रूप में टी. वी., फ्रिज, स्कूटर एवं कार आदि की निःसंकोच माँग करता है। इनके अभाव में सुशिक्षित एवं योग्य कन्या को मनचाहा जीवन साथी नहीं मिल पाता। इस स्थिति में निर्धन पिता की पुत्री या तो अविवाहित रहकर पिता तथा परिवार के लिए बोझ बन जाती है अथवा बेमेल एवं अयोग्य वर के साथ जीवन जीने के लिए विवश होती है। दहेज की कुप्रथा ने अनेक युवतियों को काल के गाल में ढकेल दिया है।

समाचार पत्र आए दिन इस प्रकार की अवांछनीय घटनाओं से भरे रहते हैं। रावण ने तो मात्र एक सीता का अपहरण करके उसकी जिन्दगी को अभिशप्त, दुःखप्रद तथा आँसुओं की गाथा बनाया था परन्तु दहेज रूपी रावण ने असंख्य कन्याओं के सौभाग्य सिन्दूर को

पोंछकर उनकी जिन्दगी को पीड़ाओं की अमर गाथा बना दिया है।

दहेज प्रथा का आविर्भाव(The emergence of dowry system)

यदि इतिहास की धुँधली दूरबीन उठाकर भूतकाल की क्षीण पगडंडी पर दृष्टिपात करते हैं तो यह बात स्पष्ट होती है कि दहेज प्रथा का प्रचलन सामन्ती युग में भी था। सामन्त अपनी बेटियों की शादी में अश्व, आभूषण एवं दास-दासियाँ उपहार अथवा भेंट के रूप में प्रदत्त किया करते थे। शनै-शनैः इस बुरी प्रथा ने सम्पूर्ण समाज को ही अपनी परिधि में समेट लिया। इस कुप्रथा के लिए झूठी शान, रूढ़िवादिता तथा धर्म का अंधानुकरण उत्तरदायी है।

दहेज के दुष्परिणाम(Side effects of dowry)

दहेज के फलस्वरूप आज सामाजिक वातावरण विषैला, दूषित एवं घृणित हो गया है। अनमेल विवाहों की भरमार है जिसके कारण परिवार एवं घर में प्रतिपल संघर्ष एवं कोहराम मचा रहता है। जिस बहू के घर से दहेज में यथेष्ट घन नहीं दिया जाता, ससुराल में आकर उसे जो पीड़ा एवं ताने मिलते हैं, उसकी कल्पना मात्र से शरीर सिहरने लगता है।

यह भी पढ़े..  Ramdhari Singh Dinkar Ka Jivan Parichay : ‘राष्ट्रकवि’ रामधारी सिंह दिनकर का संपूर्ण जीवन परिचय

कभी- कभी उसे ससुराल वालों द्वारा जहर दे दिया जाता है अथवा जलाकर मार दिया जाता है। मनुष्य क्षण भर के लिए यह सोचने के लिए विवश हो जाता है कि आदर्श भारत का जिन्दगी का रथ किस ओर अग्रसर हो रहा है। प्रणय सूत्र में बंधने के पश्चात् जहाँ सम्बन्ध स्नेह, अनुराग एवं भाईचारे के होने चाहिए वहाँ आज कटुता एवं शत्रुता पैर पसारे हुए है।

नौजवानों का कर्त्तव्य(duty of youth)

दहेज प्रथा समस्या का निराकरण समाज एवं सरकार के बूते का कार्य नहीं है। इसके लिए तो युवक एवं युवतियों को स्वयं आगे बढ़कर दहेज न लेने एवं देने की दृढ़ प्रतिज्ञा करनी चाहिए। मात्र कानून बनाने से इस समस्या का निराकरण नहीं हो सकता। जितने कानून निर्मित किए जा रहे हैं, दहेज लेने एवं देने वाले भी शोध ग्रन्थों की तरह नए-नए उपाय खोजने में सफल हो रहे हैं। इस कुप्रथा को समाप्त करने के लिए महिलाओं को इस सन्दर्भ में प्रयास करना चाहिए।

इसके लिए एक प्रभावी आन्दोलन भी चलाना चाहिए। सरकार को भी कठोर कानून बनाकर इस बुरी प्रथा पर प्रतिबन्ध लगाना चाहिए। शासन ने सन् 1961 में दहेज विरोधी कानून पारित किया। सन् 1976 में इसमें कुछ संशोधन भी किए गए थे किन्तु फिर भी दहेज पर अंकुश नहीं लग सका। समाज सुधारक भी इस दिशा में पर्याप्त सहयोग दे सकते हैं। दहेज लेने वालों का सामाजिक बहिष्कार आवश्यक है। सहशिक्षा भी दहेज प्रथा को रोकने में सक्षम है। सामाजिक चेतना को जामत करना भी आवश्यक है।

उपसंहार (Epilogue)

विगत अनेक वर्षों से इस बुरी प्रथा को समाप्त करने के लिए भागीरथ प्रयास किया जा रहा है लेकिन दहेज का कैंसर ठीक होने के स्थान पर निरन्तर विकराल रूप धारण करता जा रहा है। इस कुप्रथा का तभी समापन होगा जब वर पक्ष एवं कन्या पक्ष सम्मिलित रूप से इसप्रथा को समाप्त करने में सक्षम होंगे । यदि इस दिशा में जरा भी उपेक्षा अपनायी गयी तो यह ऐसा कोढ़ है जो समाज रूपी शरीर को विकृत एवं दुर्गन्ध से आपूरित कर देगा।

यह भी पढ़े..  Sumitranandan Pant Ka Jeevan Parichay: सुमित्रानंदन पंत का जीवन परिचय एवं रचनाएँ

समाज एवं शासन दोनों को जोरदार तरीके से दहेज विरोधी अभियान प्रारम्भ करना परमावश्यक है। अब तो एक ही नारा होना चाहिए। “दुल्हन हो दहेज है” यह नारा मात्र कल्पना की भूमि पर विहार करने वाला न होकर समाज की यथार्थ धरती पर स्थित होना चाहिए तभी भारत के कण-कण से सावित्री, सीता एवं गार्गी तुल्य कन्याओं की यह ध्वनि गुंजित होगी।

“सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा

 

महंगाई की समस्या पर निबंध : Mehangai Par Nibandh 200-500 Words

जीवन में खेल का महत्व पर निबंध: Essay on Importance of Sports in Hindi

Essay on Place of Women in Society in Hindi : भारतीय समाज में नारी का स्थान निबं

Ramdhari Singh Dinkar Ka Jivan Parichay : ‘राष्ट्रकवि’ रामधारी सिंह दिनकर का संपूर्ण जीवन परिचय

Suraj

” Middle Pathshala एक शैक्षणिक वेबसाईट है, जिसमें हिन्दी भाषा में आसान तरीके में बोर्ड परीक्षा, सरकारी योजनाओं, रिजल्ट, आवेदन फॉर्म भरने आदि विषयों पर आर्टिकल (Blog) के माध्यम से सभी नागरिकों & विद्यार्थियों तक जानकारी उपलब्ध कराई जाती है।’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *